नई दिल्ली। अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर 7 महीने में सबसे अधिक आंकी गई। इस कारण रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद अब कम ही है। आरबीआई दिसंबर में मौद्रिक नीति की समीक्षा करेगा। कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) से रिटेल इन्फ्लेशन यानी खुदरा महंगाई दर का पता चलता है। सीपीआई अक्टूबर में 3.58 प्रतिशत पहुंच गया, जो सितंबर में 3.28 प्रश पर था। सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है। आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि पहले उम्मीद थी कि आरबीआई संभवत: मार्च 2018 तक महंगाई दर के अनुमान में कुछ कटौती करेगा लेकिन अक्टूबर के आंकड़ों को देखने के बाद लग रहा है कि अगली तिमाही में महंगाई दर 4 प्रतिशत के टारगेट तक जा सकती है। ऐसे में दिसंबर और वित्त वर्ष 2018 के बचे हुए महीनों में ब्याज दरों में बदलाव होने की संभावना नजर नहीं आ रही है। 6 दिसंबर को रिजर्व बैंक अगली मौद्रिक समीक्षा करेगा।
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