मंत्री करें विरोध और सरकार दे सुरक्षा

मुंबई। फिल्म पद्मावती को लेकर महाराष्ट्र सरकार का रुख समझ से परे है। सरकार के मंत्री फिल्म का विरोध कर रहे हैं और सरकार द्वारा फिल्म प्रदर्शन के दौरान टॉकीजों में सुरक्षा व्यवस्था का भरोसा दिलाया गया है। भाजपा नेताओं के साथ ही महाराष्ट्र सरकार के मंत्री भी फिल्म का विरोध कर रहे हैं जबकि गृह राज्यमंत्री (शहर) रणजीत पाटिल ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा है कि फिल्म रिलीज होने पर टॉकीजों में पूरी सुरक्षा दी जाएगी। सरकार के इस रुख से यह समझ नहीं आ रहा है कि फिल्म का विरोध करने यदि मंत्रीगण पहुंचे तो क्या पुलिस उनके विरुद्ध कार्रवाई करेगी। उधर गृह राज्यमंत्री (ग्रामीण) दीपक केसरकर ने कहा कि किसी भी फिल्म को लेकर जब भी विवाद हुआ है तो दोनों पार्टियों ने मिल बैठकर मामले को हल किया है। पद्मावती फिल्म के विवाद को भी इसी तरह सुलझाया जाना चाहिए। राज्य सरकार ने फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली की सुरक्षा भी बढ़ा दी है। जुहू स्थित भंसाली के निवास और दफ्तर के बाहर पुलिस का पहरा है और पुलिस गश्त भी बढ़ा दी गई है। भंसाली की सुरक्षा में दो गनमैन भी तैनात कर दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि पद्मावती की भूमिका निभाने वाली अभिनेत्री दीपिका पादुकोण और निर्माता भंसाली को धमकियां दी जा रही हैं। महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री जयकुमार रावल के अलावा कई अन्य मंत्रियों ने फिल्म के खिलाफ विरोध में बयान दिए हैं। ऐसे में राज्य मंत्री रणजीत पाटिल ने फिल्म को पूरी सुरक्षा देने का भरोसा दिया है। पाटिल ने कहा कि महाराष्ट्र में किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस ने पूछा है कि इस पूरे विवाद में उनकी क्या भूमिका है। वे इस विभाग की मंत्री हैं। राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि केंद्रीय मंत्री को यह खुलासा करना चाहिए कि पद्मावती पर बैन लगेगा या यह फिल्म रिलीज होगी।