9 साल बाद भारत आया मोशे

मुंबई। मुंबई में आतंकी हमले में माता-पिता को खोने वाला इजराइल का बालक मोशे होल्त्जबर्ग हमले के बाद मंगलवार को पहली बार मुंबई आया। अब वह 11 वर्ष का हो चुका है। आतंकियों ने मुंबई में मोशे के माता-पिता की हत्या कर दी थी। उस समय मोशे मात्र 2 वर्ष का था। उसकी भारतीय आया सैंड्रा सैमुअल ने उसकी जान बचाई थी और उसे उसके दादा-दादी के पास ले गई थी।
मुंबई पहुंच कर मोशे ने कहा कि वह यहां आकर बहुत खुश है। वह अपने दादा शिमोन रोसेनबर्ग के साथ आया है। रोसेनबर्ग ने कहा कि मैं प्रार्थना करने के लिए नरीमन हाउस जाऊंगा जहां मेरे बेटे और बहू को आतंकियों ने मार दिया था। मोशे जब दो साल का था तब उसके माता-पिता रब्बी गैव्रियल होल्त्जबर्ग और रिविका की नवंबर 2008 में मुंबई के नरीमन हाउस पर हुए आतंकी हमले में मौत हो गई थी। मोशे के माता-पिता वहां सांस्कृतिक केंद्र संचालित करते थे। मोशे की भारतीय आया सैंड्रा सैम्युल ने आतंकी हमले में मोशे जान बचाई थी। इस आतंकी हमले में मुंबई में 166 लोग मारे गए थे। आया सैंड्रा को 2 साल का मोशे उसकी मां रिवका और पिता रब्बी गाबी होल्त्जबर्ग के शवों के पास बिलखता मिला था।
नाना रोजनबर्ग ने कहा कि मोशे शुरूआत में सिर्फ सैंड्रा के पास रहता था। इसलिए वे सैंड्रा को भी इजरायल ले गए। उन्होंने इजरायली नागरिकता दिलाने में सैंड्रा की मदद की। सैंड्रा फिलहाल येरुशलम में दिव्यांग बच्चों की देखभाल करने वाली एक संस्था में काम करती हैं और हर सप्ताह के अंत में अलुफा स्थित उनके निवास पर आ जाती है। मोशे उसे देखते ही खुशी से झूम उठता है। मोशे को पूरे सप्ताह सैंड्रा का इंतजार रहता है। मोशे के दिन की शुरूआत कमरे में लगी अपने माता-पिता की तस्वीर को देखने के साथ होती है और सोते समय वह माता-पिता की तस्वीर को गुड नाइट कहना भी कभी नहीं भूलता।