इंदौर। देश में एविएशन सेक्टर के लिए एमआरओ (मेंटेनेंस रिपेयर ओवरहॉल) बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वर्तमान में यह सेक्टर जीएसटी की मार सहन कर रहा है और जिसके कारण इसकी कई यूनिट्स बंद भी हो रही हैं। आगामी बजट में इस क्षेत्र को लेकर यह कयास लगाया जा रहा है कि सरकार इसके लिए मदद करेगी और जिसके कारण देशभर में एमआरओ सेंटर खुलने की राह आसान हो सकती है।
एविशन सेक्टर में आ रही है तेजी
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बात की जाए तब दुनियाभर की एयरलाइंस ने गत तीन वर्षों से ठीकठाक प्रदर्शन किया है और सभी को वर्ष 2018 से काफी उम्मीदें है। भारत की बात करें तो यह अनुमान लगाया जा रहा है कि वर्तमान से आगे अगले 20 वर्षों में देश के आकाश में 1740 अतिरिक्त विमान उड़ान भरेंगे। इतने सारे विमानों के रिपेयरिंग के लिए निश्चित रुप से एमआरओ सेंटरों की आवश्यकता होगी और इसके लिए इंदौर हवाई अड्डे से ज्यादा बेहतर कोई स्थान नहीं हो सकता इस बात की मार्केटिंग अभी से करनी होगी।
क्या करना होगा इंदौर हवाई अड्डे पर एमआरओ विकसित करने के लिए
शहर में 24 घंटे हवाई अड्डा आरंभ होने के बाद सबसे पहले इंदौर हवाई अड्डे की ब्रांडिंग आरंभ करनी होगी और स्वच्छ एयरपोर्ट-श्रेष्ठ एयरपोर्ट-इंदौर एयरपोर्ट की मुहिम आरंभ करना होगी। एक बार दुनियाभर का ध्यान इंदौर की ओर हो जाने के बाद यहां पर अलग-अलग कंपनियों को इंदौर में एमआरओ सेंटर विकसित करने के लिए आमंत्रित किया जा सकता है।
भारतीय विमान कंपनिया अपने रेवेन्यू का 13 से 15 प्रतिशत इस पर खर्च करती हैं। इंदौर देश के ह्रदय स्थल में स्थित है इसके कारण एमआरओ हब के रुप में भी विकसित किया जा सकता है। वर्तमान में भारतीय विमान कंपनियां अपने विमानों को सुधारने और उनका मेंटेनेंस करने के लिए उन्हें सिंगापुर, श्रीलंका, नेपाल चीन और दुबई भेजती हैं। इसका कारण साफ है कि यहां पर उनका काम सस्ते में होता है।
राजस्थान सरकार पहल कर चुकी है
राजस्थान सरकार पहले ही इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए पहल कर चुकी है और झालावाड़ में अगले 7 वर्षों में एमआरओ आकार ले चुका होगा। राजस्थान सरकार एसवीपी ग्रुप के साथ 2 हजार करोड़ के निवेश के लिए करार कर चुकी है। एसवीपी ने झालावाड़ में एमआरओ केंद्र आरंभ करने के लिए एयर फ्रांस से मदद ली है। वर्तमान में हैदराबाद और बैंगलुरु में एमरआरओ सुविधा है। झालावाड़ में जो एमआरओ सेंटर आरंभ करने की बात हुई है उसमें सभी आधुनिक हवाई जहाजों का मेंटेनेंस हो सकेगा। साथ ही टेस्टिंग सुविधा भी उपलब्ध होगी।
पीथमपुर का लाभ मिल सकता है इंदौर को
अगर शहर में एमआरओ सेंटर आरंभ हो जाता है तब निश्चित रुप से पीथमपुर का फायदा जरुर मिलेगा। न केवल रोजगार पैदा होंगे बल्कि कई नई कंपनियां भी आकार ले सकती हैं। सरकार को इस ओर जल्द ध्यान देना चाहिए और इस पर जल्द से जल्द कार्रवाई करना चाहिए।
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