नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस पर इस बार 1950 का दृश्य दोहराता दिखाई देगा। 26 जनवरी 1950 को देश ने पहला गणतंत्र दिवस मनाया था। उस समय आयोजित समारोह में इंडोनेशिया के तत्कालीन राष्ट्रपति सुकर्णो मुख्य अतिथि थे। 68 साल बाद एक बार फिर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस समारोह में अतिथि होंगे। उनके साथ ही आसियान के नौ अन्य राष्ट्राध्यक्षों को भी अतिथि होंगे। केंद्र सरकार ने एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन आसियान के 10 देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया है। गणतंत्र दिवस पर पहले कभी दो से ज्यादा अतिथियों को आमंत्रित नहीं किया गया। इस बार अतिथियों की संख्या बढ़ने के कारण परेड देखने के लिए राजपथ पर बनाए गए वीआईपी स्टैंड को चौड़ा किया गया है। अतिथियों में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो, थाईलैंड के पीएम प्रयुत चान ओ चा, सिंगापुर के पीएम ली सीन लूंग, म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची, फिलीपींस के रॉड्रिगो डूटर्ट, मलेशिया के पीएम नजीब रजक, वियतनाम के पीएम गुयेन जुआन फक, लाओस के पीएम थोनगलोउन सिसोउलिथ, कंबोडिया के पीएम हुन सेन और ब्रुनई के सुलतान हसन शामिल हैं। यह सभी नेता 25 जनवरी को आसियान समिट में भी हिस्सा लेंगे। यह सम्मेलन आपसी साझेदारी के 25 साल और समिट लेवल बातचीत के 15 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है।
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