नई दिल्ली। ऐप के माध्यम आॅर्डर लेकर खाने की डिलिवरी का व्यवसाय भारत में तेजी से बढ़ रहा है। उबर ईट्स, स्विगी, जोमैटो और फूड पांडा आदि कंपनियों के डिलिवरी बॉय सड़कों पर दिन-रात गाड़ियां दौड़ाते दिखाई दे रहे हैं। इस व्यवसाय की सबसे खास बात यह है कि इन कंपनियों को अब तक करोड़ों रुपए का घाटा हो चुका है लेकिन कॉम्पीटिशन के चलते कंपनियां 50 प्रतिशत तक डिस्काउंट देने में भी नहीं हिचक रही हैं। दो साल में कंपनियों को 1 हजार 371 करोड़ का घाटा हुआ है।
स्विगी को पिछले दो सालों में सबसे ज्यादा 602 करोड़ का घाटा हुआ। घाटे के मामले में जोमैटो नंबर दो पर है। मिली जानकारी के अनुसार ग्राहक बढ़ाने के लिए घाटा उठाते हुए भी कार्य किया जा रहा है। देश में हर माह ऐप के जरिए साढ़े 5 करोड़ आॅर्डर इन कंपनियों को मिल रहे हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि वर्ष-2021 तक ऐप के जरिए फूड डिलिवरी बिजनेस 17 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा। बिजनेस का उज्जवल भविष्य देखते हुए इन्वेस्टर्स भी इसमें उत्साह के साथ इन्वेस्ट कर रहे हैं। स्विगी और जोमैटो ने एक साल में 14 हजार करोड़ रुपए का निवेश हासिल किया है। ओला की मालिकी वाली कंपनी फूड पांडा 1.4 हजार करोड़ का निवेश ला रही है।
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